Considerations To Know About Shiv chaisa
Considerations To Know About Shiv chaisa
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तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
शिव आरती
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
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अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
जरत सुरासुर भए विहाला ॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार shiv chalisa in hindi होत है शम्भु सहाई॥
अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात shiv chalisa lyricsl माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥